कैंसर के मरीज और इसकी पुरानी हिस्ट्री वाले पीड़ितों में कोविड-19 का संक्रमण होने पर मौत का खतरा 28 फीसदी तक है। अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और कनाडा की रिपोर्ट में ऐसे ही मामले सामने आए हैं। इंग्लैंड में अलग-अलग कैंसर के ऐसे 800 मरीजों पर रिसर्च की गई जो कोरोना से जूझ रहे थे। इनमें मौत की दर 28 फीसदी तक देखी गई है। इनमें ऐसे बुजुर्ग मरीज थे जो हाई ब्लड प्रेशर और दूसरी समस्याओं से परेशान थे उनमें खतरा और भी ज्यादा देखा था।
दूसरी रिसर्च में भी ऐसे मामले सामने आए
लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अन्य शोध के मुताबिक, 928 कैंसर के मरीजों में कोविड-19 का संक्रमण होने पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इनमें से 13 फीसदी मरीजों की मौत हो गई। यह आंकड़ा कोरोना से हो रही सामान्य लोगों की मौत की दर से ज्यादा है।
ऐसे मरीजों को अधिक देखभाल की जरूरत
अमेरिका की वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी की डाटा साइंटिस्ट डॉ. जेरेम वार्नर का कहना है, रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि कई अस्पतालों ने कैंसर के मरीजों में जरूरी सावधानी बरतने में या तो देरी की या देखभाल में बदलाव किया है। ऐसे मरीज जिनका पहले कैंसर ट्रीटमेंट हो चुका है उन्हें कोरोना के इस समय में अधिक देखभाल की जरूरत है।
ऐसे मरीजों को घर पर ही रहने की सलाह
साराह कैनन रिसर्च इंस्टीट्यूट के हेड डॉ. हॉवर्ड बुरिस के मुताबिक, हम कोशिश कर रहे हैं कि महामारी के बीच कैंसर के मरीजों को हॉस्पिटल तक न पहुंचना पड़े। खासतौर पर ऐसे मरीज जो पहले ही फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे सभी मरीजों कोघर पर ही रहकर अधिक देखभाल रखने की सलाह दी जा रही है।
कैंसर के 50 फीसदी मरीज कोरोना से परेशान
डॉ. हॉवर्ड बुरिस के मुताबिक, हमारी रिसर्च में शामिल कैंसर का इलाज करा रहे 50 फीसदी मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। अन्य 50 फीसदी का या तो ट्रीटमेंट पूरा नहीं हुआ है या शुरू ही नहीं हुआ है। ऐसे मरीज जिनकी कैंसर की हिस्ट्री रही है, उनकी खास देखभाल की जा रही है।
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