अमेरिका में 40 फीसदी लोगकोरोना से बचने के लिए क्लीनर, डिसइंफेक्टेंट, ब्लीचिंग एजेंसी का ऐसा प्रयोग कर रहे हैं जो जान का जोखिम बढ़ा रहा है।खाने की चीजों को ब्लीचिंग से धो रहे हैं। डिसइंफेक्टेंट को सूंघ रहे हैं या पी रहे हैं। घर में सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले क्लीनिंग स्प्रे का प्रयोग अपनी स्किन पर कर रहे हैं। ये बातें अमेरिकी सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के सर्वे में सामने आई हैं।
सीडीसी की चेतावनी, ये तरीके शरीर डैमेज कर सकते हैं
सीडीसी के सर्वे के मुताबिक, कोरोना से बचने के लिए लोग ऐसे तरीके अपना रहे हैं जो उनकी जान को जोखिम बढ़ा रहे हैं। सीडीसी के शोधकर्ताओं ने सर्वे रिपोर्ट में ऐसा करने वालों को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इस तरह के तरीके शरीर के अंदरूनी हिस्सों को डैमेज कर सकते हैं या इंजरी की वजह बन सकते हैं। इन पर तत्काल रोक लगाएं।
वीकली रिपोर्ट में जारी किए नतीजे
सीडीसी ने ये नतीजे अपनी वीकली रिपोर्ट में जारी किए हैं। नतीजों के मुताबिक, सर्वे का लक्ष्य यह जानना था कि कोरोना के दौर में सफाई में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों का प्रयोग कैसे करते हैं। ऑनलाइन सर्वे में अमेरिका के 18 से 86 उम्र वर्ग 502 लोगों ने हिस्सा लिया। उनसे घर की सफाई में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर, डिसइंफेक्टेंट, उनका सामान्य ज्ञान, व्यवहार और कोरोना से खुद को बचाने से जुड़े सवाल पूछे गए।
18 फीसदी लोगों ने खुद पर डिसइंफेक्टेंट छिड़का
सर्वे में 19 फीसदी लोगों ने कहा, वे फल, सब्जी और दूसरे खाद्य पदार्थों को खाने से पहले ब्लीचिंग से धुलते हैं। 18 फीसदी लोगों ने खुद पर डिसइंफेक्टेंट या घरेलू क्लीनर छिड़कने की बात स्वीकार की। 10 फीसदी लोगों ने इन्हें सूंघा भी। 4 फीसदी ऐसे भी थे जिन्होंने ब्लीचिंग और दूसरे क्लीनिंग एजेंट को पिया या फिर उनसे गरारा किया।
54 फीसदी बच्चों को सैनेटाइजर से दूर रखते हैं
सर्वे में अधिक संख्या में लोगों को सफाई के तरीके मालूम थे लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिनके तरीके जान का जोखिम बढ़ाने वाले थे। 65 फीसदी लोगों का कहना था कि वे ब्लीच और विनेगर को मिलाकर सफाई करते हैं। 41 फीसदी का कहना था कि वे इसमें आमोनिया मिलाते हैं। 54 फीसदी का कहना था कि वे सैनेटाइजर को बच्चों की पहुंच से दूर रखते हैं।
लोगों ने माना की उनकी सेहत बिगड़ी थी
सीडीसी के सर्वे में शामिल एक चौथाई लोगों का कहना है कि पिछले महीने उनकी सेहत बिगड़ी थी। उनका कहना थाकि इसकी वजह क्लीनर या डिसअइंफेक्टेंट हो सकते हैं। ऐसे लोगों में आंखों और स्किन में जलन, सिरदर्द, मिचली और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखे थे।
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