विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 24 घंटे के अंदर अपने उस बयान पर सफाई दी जिसमें उसने कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीज से कोरोनावायरस नहीं फैलता। ऐसे मामले दुर्लभ हैं। दुनियाभर में वैज्ञानिकों ने इस बात पर सवाल उठाए तो डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा, यह एक गलतफहमी थी।
तीन दिन तीन बयान
- 8 जून : डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने कहा, एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से भी संक्रमण फैल सकता है, लेकिन दुनिया में जिस तरह मामले बढ़ रहे हैं उसकी वजह ये मरीज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि खासकर युवाओं और दूसरे स्वस्थ लोगों में इस संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते या बहुत हल्के होते हैं। अभी हमारा फोकस केवल लक्षण वाले मरीजों पर है।
- 9 जून : डॉ. मारिया वेन ने कहा, मैंने 'बेहद दुर्लभ' शब्द का इस्तेमाल किया, वह एक गलतफहमी थी। अभी हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं है। मैं उस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब दे रही थी। मैं वह बताने की कोशिश कर रही थी जो समझ पा रही थी। मैंने ऐसा हालिया सामने आईं रिसर्च के आधार पर बोला था।
- 10 जून : डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम ने पूरे मामले पर जवाब देते हुए कहा, अभी इस मामले पर और रिसर्च की जाने की जरूरत है। कोविड-19 का वायरस नया है। संगठन इससे हर समय कुछ न कुछ सीख रहा है। वायरस से जुड़ी जटिल चीजों को समझना आसान नहीं है लेकिन यह हमारी ड्यूटी है। हम हमेशा बेहतर कर सकते हैं।
दुनियाभर के नामी वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल
डब्ल्यूएचओ गलत था क्योंकि उसके पास प्रमाण नहीं : डॉ. एंथनी फौसी
बुधवार को अमेरिका के जाने माने संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फौसी ने कहा, डब्ल्यूएचओ गलत था। वह अपने बयान से पलटा क्योंकि उसके बाद अपनी बात को साबित करने का कोई प्रमाण या मामले नहीं थे। डॉ. एंथनी के मुताबिक, हमारे पास प्रमाण हैं कि कोरोना के कुल मरीजों में 25 से 45 फीसदी ऐसे हैं जिनमें लक्षण नहीं दिखते हैं। ये स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से संक्रमण फैल सकता है
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के महामारी रोग विशेषज्ञ प्रो. लियाम स्मिथ का कहना है कि यह बात विज्ञान को लेकर मेरी समझ के विपरीत है। ऐसे मरीज जिनमें लक्षण नहीं दिखते उनसे भी दूसरों में संक्रमण फैल सकता है।
जिन्हें लक्षण मालूम हैं उनसे संक्रमण फैल सकता है : डॉ. कीथ नेल
ब्रिटेन यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ डॉ. कीथ नेल का कहना है, एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से कोरोना फैलता है या नहीं यह बड़ा सवाल है जिसका स्पष्टतौर पर जवाब नहीं है। लेकिन जिन्हें लक्षणों का पता चल जाता है वो तो संक्रमण फैलने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें तत्काल जांच की जरूरत है।
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