हर साल 12 जून दुनियाभर में विश्व बाल श्रम निषेध मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है 14 साल से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के प्रति जागरूक करना। कई बच्चे ऐसे है जो दो जून की रोटी के लिए अपनी खेलने-कूदने की उम्र में काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। दुनियाभर में अधिक मात्रा में ऐसे बच्चे हैं जिनसे तरह-तरह के काम कराया जाता है। इसी कारण बाल श्रम को रोकने के लिए हर साल इसे मनाया जाता है।
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस का इतिहास
दुनियाभर में 5 साल से 17 साल तक के बच्चे ऐसे कामों में लगे हैं जिसके कारण उनका बचपन ही छिन गया। इसके साथ ही उसनी सेहत, शिक्षा, छुट्टी बस एक ख्वाब बनकर रह गया है। इसी कारण सयुंक्त राष्ट्र की वह संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO)ने साल 2002 अगेंस्ट चाइल्ड लेबर लॉन्च किया।
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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2020 का थीम
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2020 का थीम है 'बच्चों को कोविड-19 महामारी से बचाना है (Protect Children in COVID-19 Times)'। दरअसल कोरोना वायरस के कारण दूरी दुनिया के लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। जिसमें बच्चे भी शामिल है। ऐसे में बच्चों को काम करने के लिए कहा जाता सकता है। इसीकारण इस बार इस थीम को रखा गया।
साल 2019 की थीम की बात करें तो वह थी- Children shouldn’t work in fields, but on dreams. विषय दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले बच्चों के विकास पर केंद्रित है।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2018 की थीम की बात करें तो वह थी- 'Generation safe and Healthy'
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