जन्म लेने वाले को आखिर में इस सच का हमेशा करना पड़ता है सामना, श्रीभगवदगीता में लिखा है इसका अंजाम - IVX Times

Latest

Tuesday, July 28, 2020

जन्म लेने वाले को आखिर में इस सच का हमेशा करना पड़ता है सामना, श्रीभगवदगीता में लिखा है इसका अंजाम

Bhagavad Gita - भगवत गीता Image Source : INDIA TV

श्रीमद्भगवतगीता में जो भी उपदेश दिए गए हैं हर एक वचन में जीवन का एक सार छिपा हुआ है। जिस व्यक्ति ने इसे जान लिया वहीं व्यक्ति हमेशा सफलताओं की सीढ़ी में चढ़ता चला जाता है। गीता के इन वचनों के बारे में हर एक व्यक्ति को जानना बहुत ही जरूरी हैं तभी इंसान सही राह में चलकर खुशहाल जीवन जी सकता है। इसी क्रम में हम आज आपको बताने जा रहे हैं गीता के 5 अनमोल वचन जिन्हें जानकर आप हर परेशानियों से आराम से निकल सकते हैं। 

लक्ष्य पर फोकस रखने से व्यक्ति पा लेता है अपनी मंजिल

व्यक्ति जो चाहे वो बन सकता हैं अगर वो अपने लक्ष्य पर पूरे विश्वास के साथ काम कर रहा हैं तो। भगवान श्रीकृष्ण की इस लाइन का अर्थ है कि व्यक्ति जो चाहे वो हासिल कर सकता है। बस उसके लिए मन में विश्वास होना बहुत जरूरी है। विश्वास से किया गया हर काम सफल ही होता है।

जो वास्तविक नहीं हैं उससे मत डरो
जो वास्तविक नहीं हैं उससे मत डरो, वो ना कभी था और ना कभी होगा। और जो वास्तविक हैं वो हमेशा था और उसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। इस लाइन का अर्थ है कि कई बार हम लोगों के मन में सिर्फ बुरे ही ख्याल आते हैं। बुरे ख्याल आते ही मन में डर अपनी जगह बना लेता है। लेकिन उसके बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि जो वास्तविक है ही नहीं उससे डर के क्या फायदा। जो वास्तविक है उसे कोई भी खत्म या फिर नष्ट नहीं कर सकता।

पूरी लगन से करें अपना काम
किसी और का काम श्रद्धा से करने से कई गुना अच्छा हैं कि अपना कार्य पूरी लगन के साथ करें। भगवान श्रीकृष्ण कहा कहना है कि हमेशा काम को पूरा मन लगाकर करना चाहिए। कई बार लोग दूसरों का काम तो दिल लगाकर करते हैं लेकिन अपने काम में कोताही करते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो। इस लाइन का अर्थ है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मौत भी निश्चित है। इसलिए कभी भी डर डरके जीवन नहीं बिताना चाहिए और न ही इस पर किसी तरह का शोक व्यक्त करना चाहिए। क्योंकि ये जीवन का कठोर सत्य है।

मैं सबके भीतर हूं
मैं सभी प्राणियों को एकसमान रूप से देखता हूं। मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ज्यादा, लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं। वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूं। भगवान श्रीकृष्ण का कहना है कि मैं सभी मनुष्यों से समान रूप से प्यार करता है। मेरी नजरों में सब बराबर है। लेकिन जो लोग मेरी मन से प्रार्थना करते हैं मैं उनके साथ हमेशा रहता हूं।

अन्य खबरों के लिए करें क्लिक

ऐसे व्यक्ति के मन से जड़ से खत्म हो जाता है डर और क्रोध, गीता के इन 5 उपदेशों में छिपा है जीवन का मूलमंत्र

सम्मानित व्यक्ति के लिए मौत के बराबर है ये चीज, गीता के इन 5 उपदेशों में छिपा है जीवन की सफलता का राज

 



Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource

No comments:

Post a Comment