डिलीवरी के बाद कोरोना पीड़ित मां से उसके नवजात बच्चे को कोरोना का संक्रमण हो रहा है या नहीं, इसे समझने के लिए हाल ही में एक रिसर्च हुई। 120 नवजातों में पर हुई रिसर्च में सामने आया कि अगर जरूरी सावधानी बरती जाए तो संक्रमित मां से जन्मे बच्चे को कोविड-19 नहीं हो सकता। जन्म के दो हफ्ते बाद तक ब्रेस्टफीडिंग कराने और स्किन-टू-स्किन कॉन्टेक्ट करने पर भी संक्रमण नहीं फैलता।
ब्रेस्टफीडिंग सेफ है
महामारी की शुरुआत में विशेषज्ञों ने मां और नवजात बच्चे को अलग-अलग रखने की बात कही थी। लेकिन हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने कहा, अगर सावधानी बरती जाती है तो मां नवजात को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती है, यह सेफ है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अच्छी सेहत के लिए मां और नवजात को एक-दूसरे का शारीरिक स्पर्श बेहद जरूरी है।
ऐसे हुई रिसर्च
न्यूयॉर्क के तीन अस्पतालों में 120 नवजातों पर 22 मार्च से 17 मई के बीच रिसर्च हुई। जन्म के 24 घंटे के अंदर इनका कोविड-19 टेस्ट हुआ। 79 नवजातों की 5 से 7 दिन में दोबारा कोविड-19 जांच हुई। इसमें 72 नवजातों का दो हफ्ते बाद एक बार फिर कोरोना टेस्ट हुआ। किसी भी नवजात की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई और न ही कोई लक्षण दिखा।
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