घर में डिप्रेशन पता लगाने का नया तरीका, दिन और रात में हार्ट बीट बढ़ी हुई हैं तो इसका मतलब है इंसान गंभीर डिप्रेशन और बेचैनी से जूझ रहा है - IVX Times

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Monday, September 14, 2020

घर में डिप्रेशन पता लगाने का नया तरीका, दिन और रात में हार्ट बीट बढ़ी हुई हैं तो इसका मतलब है इंसान गंभीर डिप्रेशन और बेचैनी से जूझ रहा है

वैज्ञानिकों ने मरीज में डिप्रेशन पता लगाने का नया तरीका ढूंढा है। अगर मरीज की हार्ट बीट तेज है और रात में भी ऐसी ही रहती है तो यह डिप्रेशन का इशारा है। ऐसे लोगों में हार्ट बीट 10 से 15 बार प्रति मिनट तक बढ़ जाती है।

वैज्ञानिकों का कहना है हार्ट बीट दिन में अधिक रहती है, जैसे-जैसे रात होती है यह घटती है लेकिन सामान्य लोगों के मुकाबले रात में भी ज्यादा रहती है।

32 लोगों पर स्टडी हुई
रिसर्च करने वाली जर्मनी की गोथे यूनिवर्सिटी ने इसे समझने के लिए 32 लोगों पर रिसर्च की। इनमें से 16 ऐसे लोग थे जो डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उनका हार्ट रेट जांचा गया। इसके अलावा 16 ऐसे लोगों को भी शामिल किया जिनमें अगले 4 दिन और 3 रातों तक डिप्रेशन नहीं दिखा। डिप्रेशन के 90 फीसदी मामलों में हार्ट रेट बढ़ा पाया गया। इससे नई जानकारी सामने आई।

ऐसे पता करें हार्ट रेट
एक्सपर्ट मानते हैं कि अधिक डिप्रेशन और बेचैनी की स्थिति में इंसान के हृदय पर दबाव अधिक पड़ता है और उसे ज्यादा काम करना पड़ता है। शरीर में सूजन की एक वजह मेंटल हेल्थ भी हो सकता है जो जिसका असर नर्व ओर हार्ट रेट पर पड़ता है। इसे समझने के लिए 24 घंटे फिटनेस ट्रैकर लगाकर हार्ट रेट का पता लगा सकते हैं।

मिनी इकोकार्डियोग्राम पैच से नजर रखी गई
रिसर्चर डॉ. कार्मेन शीवेक कहते हैं, अध्ययन के दौरान लोगों के सीने पर मिनी इकोकार्डियोग्राम पैच लगाए गए। दिन-रात इस पर नजर रखी गई। रिपोर्ट में सामने आया कि डिप्रेशन से जूझने वाले लोगों का हार्ट रेट सामान्य लोगों के मुकाबले बढ़ा हुआ था।
रिसर्चर्स का दावा है कि हार्ट रेट की मदद से डिप्रेशन की 81 फीसदी तक सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।

अधिक हार्ट रेट मतलब गंभीर डिप्रेशन

यूरोपियन कॉलेज ऑफ न्यूरोसायको फार्मेकोलॉजी के मुताबिक, हार्ट रेट से ऐसे मरीजों के बारे में जानकारी मिलती है जो बहुत अधिक डिप्रेशन में हैं। ऐसे लोगों में डिप्रेशन दूर करने वाली 2 तरह की एंटी-डिप्रेसेंट दी गईं, लेकिन बेअसर रहीं।

रिसर्चर का कहना है कि अगर डिप्रेशन का शुरुआती स्टेज में पता चल जाए तो काउंसिलिंग और एक्सरसाइस से इलाज हो सकता है। अगर डिप्रेशन के कारण हार्ट रेट अधिक बढ़ रहा है तो कोरोनरी आर्टरी डिसीज या हार्ट फेल भी हो सकता है।



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Germany Goethe University Research Updates On Depression and Heart Rate in Patients


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