कोरोना के संक्रमण काल में लोगों का आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए इंडिया टीवी कई धर्मों के महागुरुओं के साथ 'सर्वधर्म सम्मेलन' कर रहा है। इस महाआयोजन में 20 महागुरुओं की संतवाणी सुनने का मौका मिल रहा है। इन धर्म महागुरुओं में शामिल शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भी इस महाआयोजन में हिस्सा लिया और कोरोना वायरस के भय पर विजय पाने का तरीका बताया।
कोरोना काल में धर्म का रास्ता क्या हो सकता है इस समाज को समझाने का? इस सवाल पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ध्यान देने की आवश्यकता ये है कि लगभग 100 वर्षों से जिस ढंग से विकास को परिभाषित किया गया है, उसी वजह से ये हो रहा है। आधुनिक परिप्रेक्ष्य में जिस ढंग मानव आगे बढ़, उससे ऊर्जा के समस्त स्त्रोत विकृत हो गए हैं और कुपित हैं। इसी फलस्वरूप ये विभीषिका उत्पन्न हो गई है।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हमने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए ऐसा हो रहा है। गीता और महाभारत में भी देवताओं को व्यापित किया गया। आज भी इसे मानने की जरुरत है। भौतिकता की धारा में बहने का कोई लाभ नहीं है। इससे मानव का ही नुकसान होगा।
'सर्वधर्म सम्मेलन' में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ये समझने की आवश्यकता है कि जौ भौतिकवादी होती है, जो सिर्फ वर्तमान तक ही सोच पाते हैं, लेकिन आध्यात्मिक व्यक्ति भविष्य पर भी विचार करने में सक्षम हैं। भूकंप और सूर्य-चंद्र ग्रहण की विधा पर विचार करना जरूरी है।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- जहां महामारी का कोई बीमार हो, वहां आसपास नहीं रहना चाहिए। साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। दूषित अन्न-जल का सेवन बिल्कुल भी ना करें। वात-पित्त और कफ अगर तीनों विकृत हो जाएं तो समस्या उत्पन्न हो जाती है। आध्यात्मक ज्ञान का चिंतन करें। ये बात हमारे धर्म और शास्त्रों में कही गई है।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती गोवर्धनमठ, पुरी के पीठाधीश्वर हैं। अब तक 200 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं। नासा और वर्ल्ड बैंक भी इनसे गाइडेंस ले चुके हैं।
बता दें कि इंडिया टीवी पर सर्वधर्म सम्मेलन हो रहा है, जिसमें देश के प्रतिष्ठित 20 महागुरु शामिल हो रहे हैं। ये महागुरु कोरोना काल में धैर्य और संयम रखने के साथ साथ जनता को कोरोना से लड़ने के लिए शक्ति लेने का मार्ग भी बताएंगे और कोरोना काल में कैसे स्वस्थ औऱ सुरक्षित रहा जाए, ये भी बताएंगे।
Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource
No comments:
Post a Comment