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Wednesday, July 22, 2020

Coronavirus का खामोशी के साथ प्रसार वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती

Coronavirus का खामोशी के साथ प्रसार वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती Image Source : AP

वाशिंगटन: कोरोना वायरस ने कुछ ही महीनों के भीतर पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया और तेजी से हो रहा इसका प्रसार ही इस घातक विषाणु का सबसे बड़ा रहस्य है। पहले यह मध्य चीन में सामने आया और तीन महीने के भीतर ही यह प्रत्येक महाद्वीप में पहुंच गया। वायरस के तेजी से प्रसार ने शुरू में वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी उलझा दिया और इसी वजह से शुरुआत में रोकथाम के उपायों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। 

वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी उलझन में रहे कि यह स्वस्थ दिखने वाले व्यक्तियों से भी फैल सकता है। अब कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं, बच्चे स्कूलों में लौटने की तैयारी कर रहे हैं और लोग यह भी चाहते हैं कि जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो जिससे कि वे रेस्तराओं और शॉपिंग मॉल में जा सकें। वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी उलझन यही है कि यदि स्वस्थ दिखने वाले लोगों से भी बीमारी फैलने लगी तो इसे रोकना असंभव हो जाएगा। 

स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशन इंस्टिट्यूट के प्रमुख डॉ एरिक टोपोल ने कहा, ‘‘यह घातक हो सकता है और तब 40 प्रतिशत लोगों को यह भी पता नहीं होगा कि वे संक्रमित हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें ना-नुकर की प्रवृत्ति से बाहर निकलना होगा क्योंकि यह एक सच्चाई है।’’ अनुसंधानकर्ता कह चुके हैं कि लक्षणमुक्त और लक्षण-पूर्व स्थिति वाले लोगों के माध्यम से वायरस का खामोश प्रसार हो सकता है। लेकिन स्वस्थ लोग संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि में कितनी भूमिका निभा सकते हैं, यह अब तक अनुत्तरित है और यह विषय वैज्ञानिकों के शीर्ष एजेंडे में है। छोटा, लेकिन शक्तिशाली कोरोना वायरस मानव कोशिका को तोड़ सकता है और एक दिन में अपनी हजारों प्रतिकृति तैयार कर सकता है। 

वैज्ञानिक इस बात को लेकर आश्चर्यचकित हैं कि संक्रमित 10 में से चार लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं पाए जाते। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के रीन हुबेन ने कहा, ‘‘नियंत्रण, वास्तव में वायरस को पुन: आने से रोकने के लिए हमें इस मुद्दे को देखना होगा।’’ 

कोरोना वायरस दुनियाभर में अब तक 5,80,000 लोगों की जान ले चुका है। अब दुनिया में धीरे-धीरे प्रतिबंध हट रहे हैं और वैज्ञानिक इस बात से बेहद चिंतित हैं कि यदि वायरस के खामोश प्रसार का समय रहते पता नहीं चला तो क्या होगा। वायरस से संक्रमित ऐसे लोग जिन्हें खांसी या बुखार न हो, उन्हें हवाईअड्डों पर यात्रा की अनुमति मिल सकती है। ऐसे लोगों को कारोबार संबंधी बैठकों में शामिल होने की अनुमति मिल सकती है और फिर वायरस का खामोश प्रसार नए सिरे से हो सकता है। 



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