चीन के डॉ पेंग यिन हुआ की शादी होने वाली थी, लेकिन उन्होंने टाल दी। वहीं इटली के डॉ. राबर्टो स्टेला इटली के उन चुनिंदा डॉक्टरों में से एक थे, जिनके पासकोरोना संक्रमण के सबसे पहले मामले पहुंचे। आज दोनों मिसाल बन चुके हैं..
सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे, जोखिम बहुत था फिर भी इलाज में लगे रहे
डॉ. राबर्टो स्टेला मिलान से 20 मील उत्तर पश्चिम में बस्टो नामक कस्बे में स्टेला जनरल फिजिशियन थे। वे उत्तरी इटली में मेडिकल एसोसिएशन के हेड भी थे।फरवरी में जब दुनिया में कोई नहीं जानता था कि कोरोना वायरस इटली को अपनी चपेट में ले लेगा, तब 67 साल के डॉक्टर स्टेला के पास सर्दी, जुकाम, बुखारऔर सांस लेने में तकलीफ के कई मरीज पहुंचने लगे थे। स्टेला जानते थे कि यह सामान्य फ्लू नहीं है। वो पूरी एहतियात से पर्सनलप्रोटेक्शन इक्विप्मेंट (पीपीई)से लैस होकर मरीजों का इलाज करने में जुट गए। एक समय ऐसा भी आया कि पीपीई की इतनी कमी हो गई कि स्टेला के पास एक भी नहीं बचा। वो जानते थेबिना सुरक्षा के इलाज करना उनके लिए घातक होगा। फिर भी वो इलाज करते रहे और 10 मार्च को उनकी मौत हो गई।
खुद की शादी टाल मरीजों के इलाज में लगे रहे, यही जानलेवा बन गया
फरवरी का महीना था। चीन के वुहान में कोरोना वायरस बड़ी तेजी से फैल रहा था, लेकिन दुनिया इस महामारी से बेखबर थी। वुहान में 29 साल के डॉक्टर पेंगयिन हुआ कई दिनों से झियांगशिया अस्पताल में तेजी से भर्ती हो रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाने में जुटे हुए थे। उन्हे पता था ये बीमारी जानलेवा साबित होसकती है।ये भी पता था कि कुछ ही दिनों में उसकी शादी होने वाली है। शादी के कार्ड तो छप चुके थे लेकिन उसे बांटने का समय नहीं था। अंत में शादी कोटाल दिया ताकि वह मरीजों की सेवा कर सके। 20 फरवरी को कोरोना संक्रमण से पेंग की मौत हो गई थी। वहचीन में कोरोना से मरने वालेसबसे कम उम्र के डॉक्टर थे। शादी के कार्ड अब भी उनके ऑफिस के टेबल के दराज में पड़े हैं। लेकिन अब वहीं रहेंगे।
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