खाने की खुली चीजों पर सैनेटाइजर का प्रयोग न करें और अपनी मर्जी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन न लें, साइड इफेक्ट हो सकता है: एक्सपर्ट - IVX Times

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Friday, May 8, 2020

खाने की खुली चीजों पर सैनेटाइजर का प्रयोग न करें और अपनी मर्जी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन न लें, साइड इफेक्ट हो सकता है: एक्सपर्ट

क्या ऑफिस में फाइल से भी कोरोना फैल सकता है, संक्रमण के साथ तनाव बढ़ रहा है इससे कैसे निपटें और घर में सैनेटाइजर का प्रयोग कितना जरूरी है... ऐसे कई सवालों का जवाब डॉ. संजय पांडेय, जीबी पंत हॉस्पिटल, नई दिल्ली ने आकाशवाणी को दिए। जानिए कोरोना से जुड़े सवाल और एक्सपर्ट का जवाब...

#1) घर में सैनेटाइजर का प्रयेाग कितना जरूरी है?
घर में कोई वायरस से संक्रमित नहीं है तो बार-बार सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं। घर में खाने-पीने से पहले या बाहर से आने के बाद हाथ धोएं। कुछ लोग खुले खाने के सामान को भी सैनेटाइज करते हैं, ऐसा न करें। जरूरत हो तो बंद पैकेट को सैनेटाइज करें।

#2) दूध और सब्जी लाएं तो क्या सावधानी बरतें?
अगर बाहर सामान लेने जा रहे हैं तो उस समय जाएं जब भीड़ न हो। जैसे अक्सर लोग सुबह और शाम हो जाते हैं या ऑफिस से आते वक्त सामान लेते हैं। लेकिन अगर घर में हैं तो ऐसे समय जाने से बचें। जब भी निकलें तो मास्क लगाएं और हाथ में दस्ताने पहनें ताकि सामान लेते हुए दूसरे के हाथों से सम्पर्क होने पर संक्रमण का खतरा न हो। घर आने पर कपड़े, मास्क और दस्ताने सभी बदल दें।

#3) क्या ऑफिस में फाइल को भी सैनेटाइज करने की जरूरत है?
अगर कोई कागज छूना है या फाइल देखनी है तो सावधानी के लिए डिस्पोजेबल दस्ताने पहनें। ऑफिस के जो कर्मचारी फाइल या डॉक्यूमेंट को इधर-उधर ले जाते हैं तो उन्हें भी सावधानी रखनी चाहिए। हाथ सैनेटाइज करें और हो सके तो मास्क लगाएं।

#4) वायरस के संक्रमण की बढ़ती संख्या से तनाव हो रहा है तो क्या करें
ध्यान रखें, भारत में वायरस से जितनी भी मौतें हुई हैं, उनसे से ज्यादातर मरीजों को पहले से कोई न कोई बीमारी थी। भारत में मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा ज्यादा है। फिर भी अगर कोई वायरस से संक्रमित होता है या आस-पास किसी की मृत्यु होती है तो न तो खुद घबराएं और न ही दूसरों को पैनिक करें। घर में सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें।

#5) भारत में कोरोना की स्थिति कहां तक पहुंची?
भारत में वायरस की मृत्यु दर काफी कम है। हमारे देश में अब तक करीब 15 हजार लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। संक्रमण फैलने की संख्या देखें तो अभी दूसरे देशों के मुकाबले काफी नियंत्रित है। अभी करीब 50 हजार के पास भारत में कुल संक्रमण की संख्या है। हालांकि कुछ राज्यों में महाराष्ट्र, पुणे, केरल और दिल्ली में केस बढ़ रहे हैं लेकिन मौत का आंकड़ा कम है।

#6) हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन मरीज और दूसरे लोगों को कैसे दी जाती है?
कई देशों में इसका ट्रायल किया गया है लेकिन कहीं से भी परिणाम संतोषजनक नहीं आए हैं। किसी भी ट्रायल में ऐसे परिणाम नहीं आए कि इससे मरीजों को इतना फायदा हुआ कि रुटीन में इसे दे दें। देश में इस ड्रग को लेकर एक गाइडलाइन जारी हुई है। जिससे हेल्थवर्कर और कुछ लोगों को ही यह दवा दी जा सकती है, वो भी डॉक्टरों की निगरानी में। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आम जनता मेडिकल स्टोर जाकर इसका सेवन करे। इस दवा के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

#7) पालतू जानवरों को वायरस का कितना खतरा है?
कुछ जगहों पर जानवरों में वायरस के लक्षण मिले हैं। अमेरिका में टाइगर और कुछ देशों में बिल्ली में संक्रमण पाया गया है। इन मामलों के सामने आने के बाद कहा जा रहा है कि जानवरों में कोरोना हो सकता है लेकिन इसकी आशंका कम है। कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी नहीं है। भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है इसलिए डरने की कोई जरूरत नहीं। सिर्फ सतर्क रहें। पालतू जानवरों का ध्यान रखें, उन्हें खुले में न छोड़ें।




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