बीजिंग: चीन के हूबेई प्रांत के वुहान से वापस लौटी एक नर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में नर्स ने लिखा कि उन्होंने महामारी के दौर में वुहान की सहायता करने वाले बाकी 42 हजार अन्य डॉक्टरों के साथ दिन रात मरीजों को बचाने की कोशिश की। पत्र में उन्होंने वुहान के अपने निजी अनुभव को साझा किया है। उन्होंने लिखा है कि वे पीपीई किट को उतारना नहीं चाहते थे इसलिए न तो खाना खाते थे और न ही शौचालय जाते थे। पत्र निम्नलिखित है:
‘न हम खाना खाते थे, न शौचालय जाते थे’
नर्स ने लिखा, ‘वुहान जाते समय चीन में वसंत उत्सव की पूर्व संध्या थी, जो अमेरिका के क्रिसमस की पूर्व संध्या की तरह है। इस पुनर्मिलन के समय मैं बाकी 42 हजार डॉक्टरों के साथ परिजनों से विदा लेकर वुहान गई और कोरोना वायरस से संघर्ष की लड़ाई में जुट गई। शुरूआत में हमारे लिए चिकित्सक सामग्रियों का अभाव था। हम सुरक्षात्मक कपड़ों को उतारना नहीं चाहते थे, इसलिए न तो हम खाना खाते थे और न ही शौचालय जाते थे। मैंने देखा कि अमेरिका में कुछ डॉक्टरों को सुरक्षात्मक कपड़े के रूप में प्लास्टिक बैग पहनना पड़ रहा है।’
‘सबसे कठिन समय अब गुजर चुका है’
नर्स ने आगे लिखा है, ‘इसके अलावा मैंने देखा कि संक्रमित होने के कारण कई अमेरिकी डॉक्टरों की मौत हो गई, जिससे मुझे बहुत दुख हुआ। परन्तु राहत की बात यह है कि अब सबसे कठिन समय गुजर चुका है। ज्यादा से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से जा रहे हैं। हम अपने मां-बाप की तरह सभी वृद्ध मरीजों की देख-भाल करते हैं। हमने हुबेई प्रांत के 3600 से ज्यादा बुजुर्गों का उपचार किया, जिनमें ज्यादातर 80 साल से ज्यादा उम्र के हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। वुहान में शिशुओं से लेकर 108 वर्ष के बूढ़ों तक हमने सभी का हरसंभव उपचार किया। राष्ट्रपति, यह वुहान की कहानी है।
अमेरिकियों को नर्स ने दी शुभकामनाएं
नर्स ने आगे लिखा है, ‘मुझे मालूम है कि इस समय अनेक अमेरिकी भी इस वायरस से जूझ रहे हैं। अनेक अमेरिकी चिकित्सक उपचार के अग्रिम मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं। अनेक लोग विभिन्न तरीकों से एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। मैं उन्हें नमन करती हूं! सच्चे दिल से अमेरिकी लोगों को शुभकामनाएं!’
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