क्या अकेले रह रहे बुजुर्ग घर से बाहर निकल सकते हैं, महिलाओं में तनाव बढ़ रहा है क्या करें और देश में वैक्सीन कब तक आएगी... ऐसे कई सवालों के जवाबमाइंड स्पेशलिस्ट के निदेशक डॉ. अवधेश शर्मा ने आकाशवाणी को दिए हैं, जानिए कोरोना से जुड़े सवाल और एक्सपर्ट के जवाब...
#1) अगर बुजुर्ग अकेले रहते हैं तो क्या बाहर जा सकते हैं?
65 साल के ऊपर के लोगों को बाहर जाने की मनाही है क्योंकि उनके अंदर वायरस से लड़ने की क्षमता कम होती है और कई लोगों में पुरानी बीमारियां जैसे अस्थमा और डायबिटीज भी होती हैं। ऐसे में उन्हें बाहर जाने से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। बुजुर्गों के लिए प्रशासन घर पर ही सामान की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन अगर आप स्वस्थ हैं और जरूरी सामान लेने बाहर जाना है तो जा सकते हैं लेकिन अधिक भीड़ वाले इलाके में न जाएं। हाथों में दस्ताने और मुंह पर मास्क लगाकर ही निकलें। सामान लेकर आने के बाद कपड़े बदल लें और हाथों को अच्छे से धोएं। कपड़ों को भी साफ करें।
#2) महिलाओं को तनाव ज्यादा है, ऐसे में क्या करें?परिवार को समझना होगा कि घर का सारा बोझ महिलाओं पर न डालें। खुद को बदलने की जरूरत है, उनकी मदद करें। इस लॉकडाउन में बहुत कुछ नया हो रहा है, आप भी कुछ नया सीखें और उनकी मदद करें। महिलाओं को भी यह सोचने की जरूरत है कि परिवार से खुलकर बात करें और उन्हें बताएं कि आपको उनकी मदद की जरूरत है।
#3)बच्चों का स्कूल बंद है, बाहर नहीं जाना है, टीवी देखना कितना सही है?दिनभर केवल टीवी, वीडियो देखना शरीर के लिए सही नहीं है न बच्चों के लिए और न ही बड़ों के लिए। इससे आंखों पर असर पड़ता है। किसी को भी एक दिन में 3-4 घंटे से ज्यादा टीवी नहीं देखना चाहिए। कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास या कोर्स करहते हैं यह समय उसके लिए बचाकर रखें। इसके बदले किसी विषय पर चर्चा कर सकते हैं। कुछ लिख सकते हैं। इससे सोचने-समझने और जानने की क्षमता बढ़ेगी। परिवार के साथ समय बिताएं।
#4) भारत में वैक्सीन कब तक आएगी?वैक्सीन का इंतजार करें लेकिन इस पर ही निर्भर न हों क्योंकि इसके इंतजार में ज्यादा दिन तक सबकुछ ऐसे ही बंद नहीं रहेगा। इसलिए सरकार ने जो नियम बनाए हैं उनका पालन करें और सुरक्षित रहें। वैक्सीन अभी नहीं आई है इसका तनाव न लें। ज्यादा तनाव लेने पर रोगों से लड़ने की क्षमता घट जाती है। इम्युनिटी वायरस से लड़ने में मदद करती है, इसलिए खाने-पीने का खास ध्यान रखें।
#5)टेलीमेडिसिन क्या है?
कई लोग अपने घर से दूर हैं या किसी और शहर में इलाज कराते हैं लेकिन लॉकडाउन में बाहर नहीं जा सकते। ऐसे में सरकार ने टेलीमेडिसिन की अनुमति दी है। अब फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए घर बैठे डॉक्टर से सम्पर्क कर सकते हैं। इसे ही टेलीमेडिसिन कहते हैं। आने वाले समय में इससे लोगों को फायदा होगा और अस्पताल जाने से बचेंगे। इस तरह सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा भी मेंटेन किया जा सकेगा।
#6)हर वक्त कोरोना की खबरें, ऐसे में तनाव को कैसे कम करें?
लॉकडाउन के दौरान यह समझ आ गया है कि हमारी अंधाधुंध भागदौड़ पर विराम लग गया है। यह पता चला है कि हमारे लिए, समाज के लिए, परिवार के लिए क्या जरूरी है। इस समय यह भी समझ आ गया है कि कम चीजों के साथ भी अच्छी जिंदगी जी सकते हैं। पहले 20 कपड़े लेते थे अब 5 में भी आराम से जिंदगी चल सकती है। परिवार में सबको एक-दूसरे को जानने का मौका मिला है, इस वक्त खुद को थोड़ा बदलें।
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