वाशिंगटन: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगाई गई पाबंदियों के बीच अमेरिका में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए शनिवार से सात विशेष उड़ानें संचालित की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने यहां यह जानकारी दी। विशेष सात विमानों में सीमित संख्या में सीटें उपलब्ध होने के कारण भारतीय नागरिकों के नामों को चुनने के लिए कम्प्यूटर पर एक ड्रॉ निकाला जाएगा। भारत सरकार ने सोमवार को विदेशों में फंसे अपने नागरिकों को सात मई से स्वदेश लाने के लिए एक चरणबद्ध योजना शुरू करने की घोषणा की थी।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि एयर इंडिया कोविड-19 लॉकडाउन के बीच विदेश में फंसे करीब 15,000 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए सात मई से 13 मई के बीच 64 उड़ानें संचालित करेगी। भारत विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान ‘वंदे भारत मिशन’ चलाएगा।
यहां दूतावास ने बुधवार रात को जारी परामर्श में कहा कि एयर इंडिया की नौ मई से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए अमेरिका से भारत तक सात उड़ानें संचालित करने की योजना है। दूतावास ने कहा, ‘‘चूंकि विमानों में सीटों की संख्या सीमित है तो चिकित्सा आपात स्थितियों या परिवार में शोक के कारण वापसी की अधिक आवश्यकता वाले लोगों, छात्रों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों या जिनकी वीजा अवधि समाप्त हो गई है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी और उनका चयन इलेक्ट्रॉनिक ड्रॉ के जरिए किया जाएगा।’’
इन विमानों का किराया इकॉनोमी क्लास के लिए एक लाख रुपये से अधिक, बिजनेस क्लास के लिए दो लाख रुपये से अधिक और फर्स्ट क्लास यात्रियों के लिए चार लाख रुपये से अधिक होगा। मीडिया परामर्श के अनुसार, सभी यात्रियों को विमान में सवार होने से पहले चिकित्सा जांच करानी होगी और केवल बिना लक्षण वाले यात्रियों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
भारत पहुंचने पर सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और उन्हें आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा तथा उस पर पंजीकरण कराना होगा। इसमें कहा गया है कि सभी यात्रियों को भारत पहुंचने पर अनिवार्य रूप से 14 दिन तक पृथक केंद्रों में रहना पड़ेगा। 14 दिन के बाद कोविड-19 जांच की जाएगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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