देश में कोरोना के मामले 10 लाख का आंकड़ा पार गए हैं। अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत कोरोना के सबसे ज्यादा मामलों से जूझने वाला देश बन गया है। 19 जुलाई तक अमेरिका में 37 लाख और ब्राजील में 20 लाख मामले सामने आ चुके हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर बुधवार शाम तक 63.23% थी। 20 राज्य और यूटी ऐसे हैं जहां कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर देश के औसत से बेहतर है। सिर्फ चार राज्यों में रिकवरी रेट 75% से ज्यादा है। दिल्ली में एक लाख से ज्यादा मामले होने के बाद भी रिकवरी रेट 82.34% है। दिल्ली से बेहतर रिकवरी रेट सिर्फ लद्दाख का है। दिल्ली और हरियाणा दो ऐसे राज्य हैं जहां चार हजार से ज्यादा मामले होने के बाद भी रिकवरी रेट 75% से ज्यादा है।
देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया था। एक वक्त केरल में संक्रमितों के मामले में टॉप पर भी रहा। बाद में केरल ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोक ली। लेकिन अभी भी यहां रिकवरी रेट सिर्फ 47.31% है। कोरोना का सबसे चर्चित मामला फिलहाल मुंबई से है। बच्चन परिवार में अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय और बेटी आराध्या की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। यह तस्वीर अमिताभ बच्चन के बंगले जलसा की है जिसे सील कर दिया गया है।
एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन औरउनकी बेटी आराध्या को शुक्रवार देर रातनानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों को हल्का बुखार आया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।पिछले दिनों ऐश्वर्या की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से ही वेहोम क्वारैंटाइन थीं। 11 जुलाई को अमिताभ और अभिषेक कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
कर्नाटक में स्थिति और गंभीर है। यहां 51 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन, रिकवरी रेट सिर्फ 38.37% है। सबसे कम रिकवरी रेट मेघालय में है। हालांकि, यहां सिर्फ 377 मरीज हैं। यह तस्वीर अहमदाबाद की है, जिसमें हेल्थकेयर वर्कर बच्चे से स्वैबटेस्ट के लिए सैम्पल ले रहे हैं।गुजरात का डेथ रेट 4.59% है। महाराष्ट्र में जितने मामले हैं उतने मामले अगर गुजरात में आते हैं और डेथ रेट यही रहा, तो वहां13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी।
गुजरात के बाद सबसे ज्यादा डेथ रेट महाराष्ट्र का है। जहां अब तक 11 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित जान गंवा चुके हैं। मध्य प्रदेश का डेथ रेट भी 3.38% है। देश में यही तीन राज्य हैं जहां डेथ रेट 3% से ज्यादा है। मुम्बईमें मरीजों के ठीक होने की दर70 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत से सात प्रतिशत अधिक है।यह जानकारी आधिकारिक आंकड़े में सामने आईहै। यह तस्वीर मुम्बई की है, जहां लोगों का तापमान चेक किया जा रहा है।
महाराष्ट्रमें शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी आठ हजार से ज्यादा मामले सामने आए, जबकि पिछले 24 घंटे में 258 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई। मुंबई में 1214 मामले आए और यहां संक्रमितों की कुल संख्या 99164 हो गई। मुंबई में 62 की मौत हुई। अब तक यहां के 5585 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
यह तस्वीर एशिया की सबसे बड़ी बस्ती धारावी की है। यहां बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 23 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 2,415 हो गई। बृह्न्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, धारावी में पिछले करीब एक महीने के बाद एक ही दिन में 20 से अधिक मामले अब सामने आए हैं। 18 जून के बाद से धारावी में एक दिन में संक्रमण के 20 से कम ही मामले सामने आ रहे थे।
यह तस्वीर कश्मीर की है। जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। श्रीनगर जिला सबसे बड़ा हॉटस्पॉटबनता जा रहा है। कुल संक्रमितों में बीस प्रतिशत मामले इसी जिले से आ रहे हैं। यही नहीं अब तक हुई मौतों में एक चौथाई इसी जिले से हुई हैं। जम्मू-कश्मीर में संक्रमण का पहला मामला आठ मार्च को आया था। जम्मू के न्यूप्लाट क्षेत्र में इरान से लौटी महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कुछ दिन बाद श्रीनगर में भी पहला मामला आया।
यह तस्वीर हैदराबाद के गवर्नमेंट फीवर हॉस्पिटल की है, जहां लोग स्वैब टेस्ट के लिए लाइन में लगे हैं। हैदराबाद की फार्मा कम्पनी भारत बायोटेक ने कोरोना की पहली स्वदेसीवैक्सीन तैयार की है, जिसका देशभर के 14 हॉस्पिटल में ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। देश में वैक्सीन की पहली डोज पटना एम्स में वॉलंटियर्स को दी गई है।
यह तस्वीर कोलकाता की है, जहांकई जगह कोरोना की जांच के लिए एम्बुलेंस लगाई हैं।कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते कई महिलाएं अनवॉन्टेडप्रेग्नेंसीकीशिकार हो गईं। यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में4.7 करोड़से अधिक महिलाएं लॉकडाउन के कारण अनवॉन्टेडप्रेग्नेंसीकी शिकार हुई हैं।
एफआरएचएस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 23 लाख महिलाओं को अनचाहा गर्भधारण करना पड़ा है।इसके पीछे मुख्य वजह लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को बर्थ कंट्रोल और कॉन्ट्रासेप्टिवपिल्स की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 2 करोड़ कपल को इन मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
यह फोटो अमृतसर के सिविल हॉस्पिटल की है।भारत में हर साल करीब 1.5 करोड़ एबॉर्शन होते हैं।एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण देश14 लाख एबॉर्शन के मामलेबढ़ेंगे। जिसमें 8 लाख से ज्यादा अनसेफ एबॉर्शन होंगे। करीब 18 सौ प्रेग्नेंट महिलाओं की जान भी जा सकती है। वहीं दुनियाभर में करीब 17 फीसदी मैटरनल डेथबढ़ने की आशंका है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource
No comments:
Post a Comment