चेन्नई के एक निजी अस्पताल में 3 साल के रूसी बच्चे को कृत्रिम हार्ट और कृत्रिम पम्प लगाए गए गए। बच्चा अब स्वस्थ है। यह ट्रांसप्लांट एमजीएम हेल्थकेयर के डॉक्टरों ने किया है। हॉस्पिटल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रूसी बच्चे का नाम लेव फेडोरेंको है। उसका सर्जिकल बायवेंट्रिकुलर हार्ट इम्प्लांट किया गया है। बच्चा रेस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी से जूझ रहा था। अस्पताल पहुंचने से पहले उसे दो बार दिल का दौरा पड़ चुका था।
क्या होती है रेस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी
रेस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी की स्थिति में हार्ट के लोवर चेम्बर इतने सख्त हो जाते हैं कि उसमें खिंचाव खत्म होता है और ब्लड नहीं पहुंच पता। लगातार दो महीने चली दवाओं के बाद स्थिति और नाजुक हुई तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचा था।क्या है बर्लिन हार्ट जिसे बच्चे को लगाया गया
अस्पताल के मुताबिक, बच्चा दो बार कार्डियक अरेस्ट झेल चुका है। सर्जरी की मदद से हार्ट पम्प और कृत्रिम हार्ट लगाया गया। कृत्रिम हार्ट जर्मनी के बर्लिन से मंगाया गया था। बर्लिन हार्ट शरीर के बाहर ही रखा जाता है और यह अंदरूनी हार्ट से सीधे कनेक्ट रहता है। आमतौर इसे लगाने के लिए बर्लिन से डॉक्टरों की पूरी टीम भेजी जाती है लेकिन महामारी के दौरान ऐसा सम्भव नहीं था, इसलिए वर्चुअली मदद लेकर इसे लगाया गया। जर्मनी और ब्रिटेन के डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी के दौरान लगातार नजर बनाए रखी।
7 घंटे चली सर्जरी
डॉक्टरों के मुताबिक, यह ट्रांसप्लांट काफी जटिल था और सर्जरी पूरी होने में 7 घंटे लगे। सर्जरी 25 मई को हुई थी। एमजीएम हेल्थ केयर के डायरेक्टर डॉ. केआर बालाकृष्णन के मुताबिक, बच्चे के हार्ट को रिकवर होने के लिए ब्लड सर्कुलेशन की जरूरत पड़ती है इसके लिए बर्लिन हार्ट उसे सपोर्ट करेगा। बच्चा अब रिकवर हो चुका है। उसका वजन भी बढ़ा है। उसे आईसीयू से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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