भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन होता है। कहा जाता है कि जो भक्त इस महीने भोले नाथ की श्रद्धापूर्वक आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं। इन पाचों सोमवार को जो भक्तजन प्रभु की उपासना कर व्रत रखेंगे भगवान उन पर अपनी कृपा जरूर बरसाएंगे। भोले बाबा का व्रत रखते समय बस कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इसके साथ ही पूजा विधि सही ढंग से होनी चाहिए तभी शिव जी भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। जानिए सावन के सोमवार के व्रत किन्हें रखना चाहिए। साथ ही व्रत रखने से कौन-कौन से फल मिलते हैं।
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विवाह से संबंधित सभी बाधाएं हो जाती हैं दूर
सावन के सोमवार का व्रत रखने से शादी से संबंधित सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। कहा जाता है कि जिन युवक युवतियों की शादी में विलंब हो रहा होता है वो शिव जी की आराधना कर सोमवार का व्रत जरूर रखें। शादी की मनोकामना के लिए सोमवार के 16 व्रत रखे जाते हैं। इन व्रतों की शुरुआत सावन के सोमवार के पहले व्रत से ही करें। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं और विवाह में आने वाली सारी बाधाओं को दूर कर देते हैं।
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चंद्रमा मजबूत होता है
भगवान शिव अपने सिर पर चंद्रमा को धारण करते हैं। चंद्रमा मन का कारक होता है। अगर किसी का चंद्रमा कमजोर है तो उस व्यक्ति तो किसी भी तरह का फैसला लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में भोलेनाथ का व्रत रखने से वो प्रसन्न होते हैं और चंद्रमा निर्णय लेने में सहायक होता है।
आपस में बढ़ता है प्यार
सावन के सोमवार का व्रत युवक युवती के अलावा शादीशुदा जोड़े भी रख सकते हैं। भगवान भोलेनाथ का व्रत रखने से दाम्पत्य जीवन खुशहाल बना रहता है और आपस प्यार बढ़ता है।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इन नियमों का जरूर करें पालन
- सावन के इस पावन माह में बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। इससे शिव शंकर रुष्ट हो जाते हैं।
- सावन के महीने में मांस-मंदिरा से कोसों दूर रहना चाहिए। इस बारे में की वज्ञानिक मत भी है। इनके अनुसार सावन माह बारिश के मौसम में होता है, इस दौरान वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं जोकि जानवरों के शरीर पर भी पाए जाते हैं, जिनका सेवन करके आप खुद बीमारियों को दावत दे रहे हैं।
- सावन के माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। इससे आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।
- शास्त्रों में बताया गया है कि सावन के माह में बैगन खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक मास को भी इसे खाने की मनाही है।
- सावन के माह में ब्रहमचर्य का पालन करें और शारीरिक सुख ना भोंगे क्योंकि इस दौरान गर्भधारण की संभावना भी होती है। वैज्ञानिक भी इस समय को प्रेग्नेंसी सही नहीं मानते हैं क्योंकि इस दौरान लड़कियां और महिलाएं काफी पूजा-पाठ और व्रत करती हैं जिसके कारण उनकी सेहत पर असर पड़ता है, वो आंतरिक रूप से मजबूत नहीं हो पाती हैं।
- शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी। वहीं अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि दूध बिना उबाले न पिएं। इस बारे में वैज्ञानिक मत है कि इन दिनों दूध वात बढ़ाने का काम करता है।
- किसी के बारे में न बुरा सोचे और न ही करें।
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