पेरिस: फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले आबजर्वर मिशन का आह्वान करते हुए उन्हें चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिती का मूल्यांकन करने को कहा है। आपको बता दें कि शिनजियांग में चीन ने 10 लाख से ज्यादा मुस्लिमों को शिविरों में बंद किया हुआ है जहां उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के विचारों की घुट्टी पिलाई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने इस पर चिंता व्यक्त की है। शिनजियांग में बड़ी संख्या में तुर्की भाषा बोलने वाले उइगर मुस्लिम रहते हैं। यहां आंदोलन हो चुके हैं और चीन की सत्ता इनमें से कई को अलगाववादी मानती है।
इससे पहले इसी महीने चीन में उइगर तुर्क और अन्य मुस्लिम समुदायों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से चीन पर दबाव डालने और उइगर लोगों के नरसंहार के कृत्यों की जांच कराने का आग्रह किया था। 'पूर्वी तुर्किस्तान में नरसंहार' शीर्षक वाली रिपोर्ट में चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के बावजूद चीन सरकार अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों के लिए उइगर तुर्क और अन्य मुस्लिम समुदायों के उत्पीड़न को जारी रखे हुए है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) व्यवस्थित रूप से उइगरों पर अत्याचार और दबाव बनाकर पहले उन्हें आत्मसात होने के लिए मजबूर कर रही है और फिर उन्हें नष्ट कर दे रही है। रिपोर्ट में कहा गया था कि बीजिंग प्रशासन ने 'नरसंहार की रोकथाम' समझौते का उल्लंघन किया है जिस पर उसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष हस्ताक्षर किया था।
रिपोर्ट में कहा गया था, "पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के सचिव चेन क्वांगू और अन्य अधिकारी इन अपराधों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह हैं।"
रिपोर्ट को कैंपेन फॉर उइगर्स द्वारा तैयार किया गया था, जो पूर्वी तुर्किस्तान (जिसे चीन में झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र कहा जाता है) में उइगर और अन्य तुर्क लोगों के मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है।
Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource
No comments:
Post a Comment