जेनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ और न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क एक समिति का नेतृत्व करेंगी जो कारोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का ‘ईमानदारी से मूल्यांकन’ करेगी ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गैबरेयेसस ने महामारी से निपटने की तैयारी और उठाए गए कदमों को लेकर गठित स्वतंत्र समिति के सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की । यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब अमेरिका ने आरोप लगाया है कि डब्ल्यूएचओ वैश्विक महामारी से निपटने में नाकाम रहा है और वह संगठन से अलग हो चुका है। गैबरेयेसस ने कहा, ‘‘दोनों नेता तटस्थ आकलन कर इस अहम पड़ाव में हमें अवगत कराएंगी और भविष्य में इस तरह की आपदा को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर हमारा मार्गदर्शन करेंगी।’’
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने महामारी के खिलाफ फिर से वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया और नेतृत्व की कमी की बात कही। उन्होंने ट्रंप प्रशासन का हवाला नहीं दिया । हालिया वर्षों में डब्ल्यूएचओ को सबसे ज्यादा अनुदान अमेरिका ही दे रहा था । उन्होंने कहा कि नवंबर में 194 राष्ट्रों की विश्व स्वास्थ्य ससभा के पहले वह सितंबर में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की विशेष बैठक बुलाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजन आम तौर पर मई में होता है लेकिन इस साल महामारी के कारण इसे छोटा कर दिया गया और ऑनलाइन तरीके से आयोजित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुद को भविष्य की वैश्विक महामारी तथा हमारे समय की अन्य चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा। कोविड-19 हमसे काफी कुछ ले चुका है। लेकिन, इसने अतीत से सीखने और भविष्य को बेहतर बनाने का भी मौका दिया है।’’
Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource
No comments:
Post a Comment