क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 वायरस 70° सेल्सियस के तापमान में मर जाता है। मैसेज में घर पर रहने वाले लोगों को दिन में एक बार, बाहर जाने वालों को दिन में 2 बार और डॉक्टर को हर 2 घंटे में एक बार भाप लेने को कहा गया है। दावा है कि भाप लेने से नाक के भीतर का तापमान बढ़ेगा और वायरस नाक में ही मर जाएगा।
और सच क्या है ?
- अलग-अलग की वर्ड सर्च करने से भी हमें इंटरनेट पर ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट नहीं मिली। जिससे पुष्टि होती हो कि 70 डिग्री सेल्सियस तापमान में कोरोना वायरस मर जाता है। और भाप लेने से ठीक हो जाता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) की वेबसाइट चेक करने पर पता चला पांच महीने पहले ही स्पष्ट किया जा चुका चुका है कि ज्यादा तापमान से कोविड-19 का इलाज होने वाली बात अफवाह है।
- पड़ताल के दौरान ही हमें WHO की फिलीपींस विंग का 26 अगस्त को किया गया एक फेसबुक पोस्ट मिला। इसमें संगठन ने गरम पानी की भाप लेने से कोविड-19 का इलाज होने वाले दावे को फेक बताया था।
- बच्चों के अधिकारों और शिक्षा जैसे मुद्दों पर काम करने वाली विश्व की शीर्ष संस्था UNICEF भी 70 डिग्री सेल्सियस में कोविड-19 के निष्क्रिय होने वाले दावे की पड़ताल कर चुकी है। इस पड़ताल में भी यह दावा भ्रामक साबित हुआ था।
- इन सबसे स्पष्ट है कि 70 डिग्री सेल्सियस में कोरोना वायरस के मरने का दावा झूठा और मनगढ़ंत है। दुनिया की शीर्ष संस्थाएं पहले ही इस दावे को फेक बता चुकी हैं।
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