ब्रेनडेड घोषित होने के बाद 86 वर्षीय महिला डॉक्टर के लिवर से मिला एक मरीज को नया जीवन, हेपेटाइटिस-सी से जूझ रहा था मरीज - IVX Times

Latest

Thursday, September 17, 2020

ब्रेनडेड घोषित होने के बाद 86 वर्षीय महिला डॉक्टर के लिवर से मिला एक मरीज को नया जीवन, हेपेटाइटिस-सी से जूझ रहा था मरीज

पेशे से एक डॉक्टर रहीं 86 साल की महिला दिल्ली की सबसे कम उम्र की कैडेवर डोनर बन गई हैं। दक्षिण दिल्ली में रहने वाली इस महिला को एक्यूट स्ट्रोक के बाद 12 सितम्बर को देर रात ब्रेन डेड घोषित किया गया। जिसके बाद उनके परिवार ने उनके लिवर और किडनी दान करने की इच्छा ज़ाहिर की।

महिला की बॉडी को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में डोनेट किया गया। हॉस्पिटल में हेपेटाइटिस-सी के कारण लिवर की खराबी से जूझने वाले 42 साल के मरीज को तत्काल ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। 13 सितम्बर को हॉस्पिटल में डॉ. नीरव गोयल ने टीम के साथ मिलकर महिला के लिवर को मरीज में ट्रांसप्लांट किया।

महिला की जांच के बाद अंगदान स्वीकार किया
लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. नीरव ने बताया, आमतौर पर कैडेवर ऑर्गन ट्रांसप्लान्ट 65 साल तक की उम्र के डोनर्स से ही लिया जाता है। 65 साल की उम्र के बाद इंसान में बीमारियों को देखते हुए अंगों की जांच करने के बाद ही स्वीकार किया जाता है।

डॉ. नीरव के मुताबिक, जब हमें पता चला कि लिवर के लिए कैडेवर डोनर उपलब्ध है, तो हमने जांच करने का फैसला लिया, ताकि यह तय किया जा सके कि उनके अंग के किसी मरीज में ट्रांसप्लांट करने लायक हैं या नहीं। लिवर बायोप्सी से पता चला कि महिला का लिवर एक युवक की तरह स्वस्थ था, इसलिए हमने अंगदान स्वीकार करने का फैसला ले लिया।

ट्रांसप्लांट के चौथे दिन से लिवर में काम करना शुरू किया
डॉ. नीरव के मुताबिक, मरीज में लिवर ट्रांसप्लान्ट के चार दिन बाद उसका शरीर बेहतर रिएक्ट करने लगा। मरीज़ की देखभाल और जरूरी जांचों के उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
86-year-old woman becomes one of Delhi's oldest cadaveric donors by saving man's life


Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource

No comments:

Post a Comment