8 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व - IVX Times

Latest

Tuesday, April 7, 2020

8 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

चैत्र पूर्णिमा Image Source : TWITTER/NISHTUNISHAA

चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा बुधवार, 8 अप्रैल को पड़ रही हैं। पूर्णिमा तिथि चित्रा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही चैत्र माह की पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं।  चैत्र पूर्णिमा को चैत्र पूनम, मधु पूर्णम जैसे नामों से भी जाना जाता है।  इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व है । इससे व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है और वह खूब आगे बढ़ता है। आज पूरा दिन पूरी रात पर करके अगले दिन की भोर 3 बजकर 3 मिनट तक राज योग रहेगा | इस योग में किये गये सभी कार्य शुभ फल देते हैं | विशेषकर कि इस दौरान धार्मिक कार्यों से लाभ मिलता है | आज पूरा दिन पूरी रात पार करके अगले दिन की भोर 3 बजकर 3 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा। जानें चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: अप्रैल 7 12 बजकर 2 मिनट से
पूर्णिमा तिथि: 8 अप्रैल सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगी |

हनुमान जयंती 2020: शनि के प्रकोप से इस तरह बचे थे वीर बजरंगी, जानिए कथा

चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि
पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्य कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद भगवान की पूजन करें। भगवान इन्द्र और महालक्ष्मी जी की पूजा करते हुए घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ध पुष्प का इस्तेमाल जरूर करें। ब्राह्माणों को खीर का भोजन करवाएं और साथ ही उन्हें दान दक्षिणा देकर विदा करें। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। इस दिन पूरी रात जागकर जो भगवान का ध्यान करते हैं उन्हें धन-संपत्ति प्राप्ति होती है। रात के वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाए।

चैत्र पूर्णिमा महत्व
चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था। इस रास उत्सव को महारास के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस महारास में हजारों गोपियां शामिल होती थीं और उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण रातभर नृत्य करते थे। इसी दिन श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ भी हुआ था।

चैत्र पूर्णिमा को पड़ रही है हनुमान जयंती
आचार्य  इंदु प्रकाश के अनुसार वैसाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जायेगी | बुधवार को हनुमान जयंती भी है। इस  दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था । वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है । पौराणिक ग्रन्थों में दोनों का ही जिक्र मिलता है । लेकिन वास्तव में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है ।



Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource

No comments:

Post a Comment