भारत और चीनी सेनाओं में बातचीत के दौरान सैनिकों की वापसी की दिशा में और 'प्रगति': चीन - IVX Times

Latest

Wednesday, July 15, 2020

भारत और चीनी सेनाओं में बातचीत के दौरान सैनिकों की वापसी की दिशा में और 'प्रगति': चीन

India China News Image Source : FILE

बीजिंग। चीन ने आज बुधवार (15 जुलाई) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव दूर करने के लिये भारत और चीनी सेनाओं के बीच कमांडर स्तर की बातचीत के चौथे दौर में तनातनी को कम करने के लिये सैनिकों की 'और वापसी' को बढ़ावा देने की दिशा में 'प्रगति' हुई। नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच करीब 15 घंटों तक चली गहन और जटिल बातचीत के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को 'लक्ष्मण रेखाओं' के बारे में बताया और यह भी जता दिया कि क्षेत्र में स्थिति में सुधार काफी हद तक चीन पर निर्भर करता है। 

मंगलवार को हुई सैन्य स्तरीय वार्ता के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में सीमावर्ती सैनिकों की और वापसी को बढ़ावा देने के लिये दोनों पक्षों में सहमति पर प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, '14 जुलाई को चीन और भारत की सेनाओं के बीच चौथे दौर की कमांडर स्तरीय बातचीत हुई जिसमें पिछले तीन दौर की बातचीत के दौरान बनी सर्वसम्मति तथा इस दिशा में हुए प्रासंगिक काम के क्रियान्वयन के बाद सीमा के पश्चिमी सेक्टर में सैनिकों की और वापसी को बढ़ावा देने तथा तनाव कम करने की दिशा में प्रगति हुई।' 

हुआ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत चीन के साथ वास्तविक कार्यों के साथ हमारी सहमति को लागू करने के लिये काम कर सकता है और सीमा क्षेत्रों में शांति को सुरक्षित रख सकता है।' भारतीय पक्ष का नेतृत्व इस बातचीत में लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे थे जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन कर रहे थे। 

गतिरोध स्थलों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया के पहले चरण के क्रियान्वयन के कुछ दिन बाद लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय यह वार्ता हुई। पीएलए पहले ही बीते एक हफ्ते के दौरान भारत की मांग के अनुरूप गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से अपने सैनिकों की वापसी पूरी कर चुका है और पैंगोंग सो इलाके के ‘फिंगर-फोर’ क्षेत्र में भी उसने अपने सैनिकों की संख्या में कमी की है। पूर्वी लद्दाख में पांच मई से भारतीय और चीनी सैनिक कई जगहों पर आमने-सामने आ गए थे। गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया था। 



Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource

No comments:

Post a Comment