वाशिंगटन. अमेरिका के एक प्रभावशाली सीनेटर ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी आक्रामकता के खिलाफ वाशिंगटन नई दिल्ली के साथ खड़ा है। उन्होंने सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के लिए भारत सरकार की सराहना की। रिपब्लिकन सीनेटर रिक स्कॉट ने दो जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की जान जाने पर संवेदना व्यक्त की।
स्कॉट ने बाद में, शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘जब आप कम्युनिस्ट चीन की आक्रामकता के खिलाफ लड़ रहे हैं तो अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और मैं शांतिपूर्ण समाधान के लिए जारी आपके प्रयासों की सराहना करता हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘दुर्भाग्य से, हम जानते हैं कि कम्युनिस्ट चीन कभी अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं करता। कम्युनिस्ट चीन के तानाशाह लगातार प्रौद्योगिकी चोरी का काम कर रहे हैं और विश्व व्यापार संगठन से संबंधित समझौतों के विपरीत विदेशी सामान के लिए अपने बाजारों को खोलने से इनकार कर रहे हैं।’’
अमेरिकी सीनेटर ने आरोप लगाया कि चीन 10 लाख से अधिक उइगुर मुसलमानों को हिरासत में रखकर लगातार धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले कर रहा है तथा उसने हांगकांग को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देने के समझौते का पालन नहीं किया है। स्कॉट ने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है, जबकि उसने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से ऐसा न करने का वायदा किया था। अब वह विश्व में प्रभुत्व की चाहत के तहत अपनी सैन्य धौंस जमाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘कम्युनिस्ट चीन को लगता है कि उसकी मजबूती के लिए अमेरिका, भारत और स्वतंत्रता प्रेमी अन्य देश कमजोर होने चाहिए। वह हांगकांग में स्वतंत्रता और स्वायत्तता का गला घोंट रहा है तथा ताइवान और भारत को लगातार धमकी दे रहा है।’’ सीनेटर ने पत्र में लिखा कि यदि वह इस मार्ग पर लगातार चलता रहता है तो कम्युनिस्ट चीन के पड़ोसियों के पास कोई विकल्प नहीं होगा और वे उसे ऐसा गंभीर खतरा मानेंगे जो शांति पसंद लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ सैन्य बल का इस्तेमाल करता है।
स्कॉट ने कहा, ‘‘जब आप कम्युनिस्ट चीन और कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी चिनफिंग के खिलाफ लगातार खड़े हैं तो मैं आपको ऐसी किसी भी मदद की पेशकश करता हूं जो मैं विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत गणराज्य के लिए कर सकता हूं।’’
भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में पिछले सात सप्ताह से कई मोर्चों पर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। तनाव तब और ज्यादा बढ़ गया जब 15 जून को गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए। बताया जाता है कि इस झड़प में चीनी पक्ष को भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन चीन ने इस बारे में कोई ब्योरा साझा नहीं किया है।
Thanks for reading.
Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe IVX Times.
fromSource
No comments:
Post a Comment